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लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन, 4 की मौत और 30 घायल; सोनम वांगचुक ने वापस ली भूख हड़ताल, बोले- यह जेन-जी की क्रांति है

लद्दाख की राजधानी लेह बुधवार को हिंसा की आग में झुलस गई। लेह एपेक्स बॉडी (LAB) द्वारा प्रायोजित बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची का विस्तार करने से जुड़ी थीं। आंदोलन के दौरान भीड़ ने भाजपा कार्यालय और कई वाहनों पर हमला कर दिया। हालात बेकाबू होने पर पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी।
इस आंदोलन का नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक कर रहे थे। हालांकि, हिंसा फैलने और जनहानि की खबरों के बाद उन्होंने अपनी 15 दिन पुरानी भूख हड़ताल वापस ले ली।
सोनम वांगचुक ने हिंसा की निंदा की
वांगचुक ने आंदोलन को "जेन-जी क्रांति" करार देते हुए कहा कि युवा पिछले पांच सालों से बेरोजगार हैं, इसलिए उनका आक्रोश अब सड़कों पर फूट पड़ा।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो जारी कर शांति की अपील की। वांगचुक ने कहा—
"लेह की घटनाओं से बहुत दुखी हूं। शांतिपूर्ण मार्ग का मेरा संदेश आज विफल हो गया। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि कृपया हिंसा का रास्ता छोड़ें। इससे हमारे उद्देश्य को ही नुकसान पहुंचता है।"
वांगचुक ने यह भी कहा कि दो अनशनकारियों की हालत बिगड़ने और अस्पताल में भर्ती होने के बाद गुस्सा और बढ़ गया। इसी कारण हजारों युवा सड़कों पर उतर आए।
"जेन-जी की क्रांति, लेकिन हिंसा समाधान नहीं"
वांगचुक ने साफ कहा कि यह आंदोलन लद्दाख के हर नागरिक का है, लेकिन हिंसा उनके वर्षों के शांतिपूर्ण प्रयासों को कमजोर कर रही है।
उन्होंने कहा— "पांच सालों से युवाओं को रोजगार नहीं मिला। उनका गुस्सा समझ में आता है, लेकिन हिंसा हमारा रास्ता नहीं है। मैं युवा पीढ़ी से आग्रह करता हूं कि वे शांति और अहिंसा के जरिए सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाएं।"
उन्होंने केंद्र सरकार से भी अपील की कि वह लद्दाख के मुद्दों को संवेदनशीलता से सुने और उनकी मांगों पर ठोस कदम उठाए।